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"समर में चलो फिर उतरते हैं हम भी / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर
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14:40, 16 नवम्बर 2020 के समय का अवतरण
समर में चलो फिर उतरते हैं हम भी
ज़माने की सूरत बदलते हैं हम भी
अंधेरों ने बेशक हमें घेर रक्खा
शुआओं में लेकिन चमकते हैं हम भी
हमें है पता वोट की अपनी क़ीमत
न भूलो हुक़ूमत बदलते हैं हम भी
भले वो हमारी हो या दूसरे की
मुसीबत में लेकिन तड़पते हैं हम भी
बताओ हमें जिसमें कमियाँ नहीं हों
शराबी नहीं, पर बहकते हैं हम भी
तेरी याद में वो ख़लिश है सितमगर
अकेले में अक्सर सिसकते हैं हम भी