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से मुँह नै चलै छै गाय सभके / मैथिली लोकगीत

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मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

से मुँह नै चलै छै गाय सभके
पायर ने चलै छै
आ मुँह ने चलै छै गइया सभके
पायरो ने चलै छै ने हय
अढ़ाइ दिन के खातिर
अढ़ाइ दिन खातिर गाय सभके श्राप
गाय सभ जखनी दऽ देलकै
आ अढ़ाइ दिन के खातिर श्राप
गइया सभके जखनी दऽ ने देलकै हय।