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"स्वप्न का होना बेहद जरूरी है / विश्वरंजन" के अवतरणों में अंतर

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* [[ हम-तुम मिल कर उसमें हज़ारों फूल खिलाएँगे/ विश्वरंजन]]
 
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* [[ शक्ति स्पंदन/ विश्वरंजन]]
 
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* [[ मैं अंदर आ कैनवास और रंगों से खेलने लगता हूँ/ विश्वरंजन]]
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* [[ हम और तुम अब कहीं नहीं जाएँगे/ विश्वरंजन]]
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* [[ मेरा दूर निकल जाना तुम्हारे लिए मेरा प्यार है/ विश्वरंजन]]
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* [[ हम खेलेंगे...और हमारे बच्चे मुस्कराएँगे एक वयस्क मुस्कान/ विश्वरंजन]]
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* [[ प्यार/ विश्वरंजन]]
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* [[ ...और मैं बेहद डर जाता हूँ/ विश्वरंजन]]
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* [[ पुनः सचमुच हो जाए प्यार/ विश्वरंजन]]
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* [[ कविता का होना/ विश्वरंजन]]
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* [[ तुम्हें देखकर साँसें रुक जाती है सहसा/ विश्वरंजन]]
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* [[ बहुत सारा प्यार देना चाहता हूँ आज/ विश्वरंजन]]
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* [[ आकाश सी फैल गई है हमारी दोस्ती/ विश्वरंजन]]
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* [[ नन्हा बालक/ विश्वरंजन]]
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* [[ सन्नाटे को फाड़ती है एक मासूम बच्चे की रोने की आवाज़/ विश्वरंजन]]
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* [[ बैठकखाने में पड़ा बैचारा बुद्ध/ विश्वरंजन]]
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* [[ रात में पेड़...कुछ तारे/ विश्वरंजन]]
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* [[ पतंग/ विश्वरंजन]]
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* [[ / विश्वरंजन]]
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00:49, 6 मई 2009 का अवतरण


शब्दकमल खिला है
Vswaaran swapn.jpg
रचनाकार विश्वरंजन
प्रकाशक प्रकाशन संस्थान, दिल्ली
वर्ष 1999
भाषा हिन्दी
विषय कविता
विधा
पृष्ठ 119
ISBN
विविध
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।


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