भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

हमरी जेब कटी है डेटा कहता है सब अच्छा है / मृत्युंजय

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:14, 23 जुलाई 2019 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मृत्युंजय |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavi...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हमरी जेब कटी है डेटा कहता है सब अच्छा है ।
साहेब की चिलमन से दीखे मुलुक चकाचक अच्छा है ।

बित्त मन्तरी अलबलाइटिस में खोया अलबत्ता है ।
संसद भीतर दू हजार के नोट में मिलता भत्ता है ।

तू मिरतुँजे लाइन लगि के देस दरोही हो गइला ।
देस नवा हौ, केस नवा हौ, आवा धोईं हम मइला ।