भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>
हवा के ज़ोर से पिंदार-ए-बाम-ओ-दार दर भी गया
चिराग़ को जो बचाते थे उन का घर भी गया
25
edits