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हिंडोला कुँज वन डालो झूलन आईं राधिका प्यारी / अवधी

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

हिंडोला कुँज वन डालो झूलन आईं राधिका प्यारी
कहे के खंभ लगवाए कहे की लगी डोरियाँ प्यारी
सोने के खंभ लगवाए रेशम लगी डोरियाँ प्यार
हिंडोला...
कहाँ से आये शयाम बनवारी कहाँ से आई राधिका प्यारी
गोकुल से आये बनवारी मथुरा आइ राधिका प्यारी
हिंडोला...
कि झोंका धीरे से दे ओ हमें दर लगता भारी
दरो मत राधिका प्यारी हमें तो तुम जान से प्यारी
हिंडोला...