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"हुआ प्यार का यह असर मिलते-मिलते / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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कि झुकने लगी है नज़र मिलते-मिलते | कि झुकने लगी है नज़र मिलते-मिलते | ||
− | हटा | + | हटा रुख़ से परदा न बेगानेपन का |
कोई रह गया उम्र भर मिलते-मिलते | कोई रह गया उम्र भर मिलते-मिलते | ||
− | न था दिल का कोई | + | न था दिल का कोई ख़रीदार तो क्या! |
चले सबसे हम राह पर मिलते-मिलते | चले सबसे हम राह पर मिलते-मिलते | ||
नहीं खेल है उनकी आँखों को पढ़ना | नहीं खेल है उनकी आँखों को पढ़ना | ||
− | कि मिलती है दिल की | + | कि मिलती है दिल की ख़बर मिलते-मिलते |
− | गुलाब! आप कितनी भी | + | गुलाब! आप कितनी भी ख़ुशबू छिपायें |
नज़र कह गयी कुछ मगर मिलते-मिलते | नज़र कह गयी कुछ मगर मिलते-मिलते | ||
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01:19, 8 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
हुआ प्यार का यह असर मिलते-मिलते
कि झुकने लगी है नज़र मिलते-मिलते
हटा रुख़ से परदा न बेगानेपन का
कोई रह गया उम्र भर मिलते-मिलते
न था दिल का कोई ख़रीदार तो क्या!
चले सबसे हम राह पर मिलते-मिलते
नहीं खेल है उनकी आँखों को पढ़ना
कि मिलती है दिल की ख़बर मिलते-मिलते
गुलाब! आप कितनी भी ख़ुशबू छिपायें
नज़र कह गयी कुछ मगर मिलते-मिलते