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ॿुधो - हीउ सचु निजो सरकारी आ / एम. कमल
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ॿुधो - हीउ सचु निजो सरकारी आ।
सॼे चमन में बहार आई आ॥
निमाणा लुड़िक ॾिसी वाघुनि जा।
ॿघनि जे ढोंग खे लॼ आई आ॥
लखनि जा ख़्वाब था रुपए में मिलनि।
अञा चओ था महांगाई आ!!
खिंवणि त दिलि सां खॼे थी, बरसात।
हिते वसण खां ई शरमाई आ॥