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मैं ख़ुद को इश्क़ में कुछ यूँ निसार करता रहा / अमित गोस्वामी
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मैं ख़ुद को इश्क़ में कुछ यूँ निसार करता रहा
तेरे तग़ाफ़ुल−ए−पैहम1 से प्यार करता रहा
वफ़ा, तुम्हीं से वफ़ा, फिर तुम्हीं से अह्द−ए−वफ़ा
यही ख़ता है, जो मैं बार बार करता रहा
तुम्हारे हिज्र के मौसम में ख़्वाब सूख गए
सो आँसुओं से उन्हें आबयार2 करता रहा
कभी ब−शिकवा−ए−हिजराँ3, कभी ब−लुत्फ़−ए−विसाल3
सुख़न के नाम पे बस ज़िक्र−ए−यार करता रहा
तवाफ़4 करता रहा कू−ए−यार का दिन भर
तमाम रात सितारे शुमार5 करता रहा
1. लगातार उपेक्षा 2. पौधे को पानी देना 3. जुदाई की शिकायत के साथ 3. मिलन के आनंद के साथ 4. परिक्रमा 5. गिनती