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102 / हीर / वारिस शाह

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चूचक आखया जा मनाए उसनूं वयाह तीक तां मही चराए लईए
जदों हीर डोली पाए तोर दिती रूस पवे जवाब तां चाए दईए
सडे पीउ दा कुझ ना लाह लैंदा सभा टहिल टकोर करा लईए
वारस शाह असीं जट सदा खोटे इक जटका फंद वी ला लईए

शब्दार्थ
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