भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

अन्त में देह / जया जादवानी

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 02:06, 19 नवम्बर 2009 का अवतरण ("अन्त में देह / जया जादवानी" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite)))

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

एक पीले पड़ गए पत्ते पर
लिखती हूँ तुम्हारा नाम
देती हूँ उसे हरियाली
कोई दरवाज़ा खटखटा के मांगने आया है
उम्र मेरी...।