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आइए, मौत के करीब / चंद ताज़ा गुलाब तेरे नाम / शेरजंग गर्ग
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आइए, मौत के करीब चलें आइए जिं़दगी से प्यार करें जो उजालों के ख़ैरख्वाह रहे उन अंधेरों का ऐतबार करें। </poem>