भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

इज़्ज़तपुरम्-14 / डी. एम. मिश्र

Kavita Kosh से
Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:42, 28 अगस्त 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=डी. एम. मिश्र |संग्रह=इज़्ज़तपुरम...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मगर
सभ्यता का
तकाज़ा
आज भी वही है

उम्र के साथ -साथ
पाबन्दियाँ बढ़ें
देर रात से
पहले वह
घर लौट आये

पॉव
खाल - ऊँच
देखकर रक्खे
क्योंकि वह
एक लड़की है