भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

इन्तज़ार / बसंत त्रिपाठी

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 06:24, 15 जून 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=बसंत त्रिपाठी }} {{KKCatKavita}} <poem> चौराहे प...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

चौराहे पर खड़ा रिक्शा
इंतजार करता रह गया

सिटी बस सर्विस ने
यही तोहफा दिया है उसे

धीमे-धीमे
अपनी ही मौत का इंतजार