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इरादे जा दीआ / लक्ष्मण पुरूस्वानी

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ग़मनि जी बाहि ते, ॻोढा उॿारे दिसो
ठही पवन्दा रंग कंहिते बि, हारे दिसो

तंव्हाजे दिल जी थींदी चुभनि बि, घटि
कन्डा कंहिं दिल तां, त उतारे दिसो

पाणि खारो बि, मिठो थीसघे थो, मगर
ओते अखियुन मां, लुड़िक ॻारे दिसो

शमा रोशन रही, हवा में तूफान में
”आशाउनि जा दीआ“ दिल में, ॿारे दिसो

बुरी नज़र वारो, खुद ई थींदो बुरो
कदहिं प्यार सां मूंदे निहरे दिसो