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कड़ा इम्तिहां देने वाले कहाँ हैं / रविकांत अनमोल

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कड़ा इम्तिहां देने वाले कहाँ हैं
मह्ब्बत में जां देने वाले कहाँ हैं

ज़मीं और कब तक तरसती रहेगी
इसे आसमां देने वाले कहाँ हैं

जो भरते हैं दम शायरी का वो शायर
दिलों को ज़बां देने वाले कहाँ हैं

वो परवाने, था शौक़ जलने का जिनको
वो शमओं पे जां देने वाले कहाँ हैं

ये शमअं बुझी जा रही हैं कि इन को
तमन्ना जवां देने वाले कहाँ हैं

कहाँ हैं वो नानक के, गौतम के वारिस
वो अम्नो अमां देने वाले कहाँ हैं

अनमोलगुलशन की ख़ातिर ख़ुशी से
हसीं आशियां देने वाले कहाँ हैं