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गगा को मान बड़ा भारी / बुन्देली

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

गंगा को मान बड़ा भारी,
चलो बहनों मुक्ती सुधारी।
तारन के लाने सहज में न आई,
तप करके भागीरथ निकारी। चलो दीदी....
गंगा की धार शम्भू रोकी जटन में
भोला शिवत्रिपुरारी। चलो दीदी....
तीरथ व्रत ऐसे चारों तरफ हैं
गंगा की महिमा है न्यारी। चलो दीदी....
जावे के लाने कछु अड़चन नैयां
दिन भर चले मोटर गाड़ी। चलो दीदी....
गंगा जी जावें परम गति पावें
मन में विश्वास करो भारी। चलो दीदी....
गंगा जी जावे खों सब कोई विचारे
भागों से मिले तारन हारी। चलो दीदी....