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गुरुजी चलहुँ जनकपुर / अंगिका लोकगीत

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

रूजी चलहुँ जनकपुर होय के चलो
गुरूजी चलहुँ जनकपुर हो हो हो

यही रे जनकपुर में धनुसा धरो है
यही रे जनकपुर में धनुसा धरो है
वही धनुसा कोॅ उठाय के चलो
हे हो वही धनुसा कोॅ उठाय के चलो
गुरूजी चलहुँ जनकपुर होय के चलो

यही रे जनकपुर में कन्याकुमारी है
यही रे जनकपुर में कन्याकुमारी है
वही कन्या कोॅ बिहाय के चलो
हे हो वही कन्या कोॅ बिहाय के चलो
गुरूजी चलहुँ जनकपुर होय के चलो