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घरु सुहिणो / मीरा हिंगोराणी

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ॾिसो ही मुहिंजो घरु सुहिणों
भितियूं-छितियूं ऐं दरु सुहिणों।

ॾियो तुलसीअ ते ॿारे अम्मां,
लॻे उहों पघरु सुहिणों।

करे आरती शाम जो ॾाॾी
लॻे थो ॼणु मदंरु सुहिणों।

पढ़े पाठु गीता जो बाबा,
हीऊ संस्कारी दरु सुहिणो।

भलु घुमो देसु-परदेसु
त बि अबाणो घर सुहिणों।
डि-सो मुहिंजो घर सुहिणों।