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चौकस / ककबा करैए प्रेम / निशाकर

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विनाशकाल अयला पर
तीर
तरकसमे राखले रहि जायत अछि
आ लोक
शत्रुक हाथे पराजित भऽ जायत अछि
हर क्षण
अपन हथियारकें तैयार नहि राखू
आँखि
नाक
आ कानकें सेहो
चौकस राखू।
भऽ सकइए
शत्रु
शत्रुक रूपमे नहि
मित्रक रूपमे प्रकट होअय।