भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

जीवन / निशांत

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:19, 13 सितम्बर 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निशांत |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poe...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बिस्तर पर
एक जोड़ा पैर पड़े हैं
एक जीवित व्यक्ति के

बहुत ही ऐसे कम छण आते हैं जीवन में
जब पुराने को याद करके
एक लड़का रोता है

एक बच्चा जन्म लेता है और
बूड्ढा हो जाता है
माँ है उसकी चिर यौवना

बार-बार 'समय' को याद रखने के लिए
तारीख देखना पड़ता है

पृथ्वी घूमती है
घूमती ही रहती है...