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तुझे कौन जानता था मेरी दोस्ती से पहले / 'कैफ़' भोपाली

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तुझे कौन जानता था मेरी दोस्ती से पहले
तेरा हुस्न कुछ नहीं था मेरी शाएरी से पहले

इधर आ रक़ीब मेरे मैं तुझे गले लगा लूँ
मेरा इश्क़ बे-मज़ा था तेरी दुश्मनी से पहले

कई इंक़िलाब आए कई ख़ुश-ख़िराब गुज़रे
न उठी मगर क़यामत तेरी कम-सिनी से पहले

मेरी सुब्ह के सितारे तुझे ढूँढती हैं आँखें
कहीं रात डस न जाए तेरी रौशनी से पहले