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तुम्हारे लिए / क्रांति

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मुझे तुम्हारे लिए
लिखनी है, एक कविता
जो बिना पोंछे भी सोख सके
तुम्हारे माथे का पसीना ।

मुझे तुम्हारे लिए
बुनना है एक सपना
तुम्हें अच्छा लगे जो पूरा करना ।

मुझे तुम्हारे लिए
करनी है एक प्रार्थना
जिसे सुनते ही ईश्वर कह उठे
तथास्तु ! तथास्तु !