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धरोहर टुकड़ी / कस्तूरी झा 'कोकिल'

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आई.सी.यू. में गेला सें पाँच दिन पहिने कहलखिन:-
पास बैठऽ तनीं
प्यार करिहौं पिया।
हाथ दीहऽ जरा
चूमिहौं भरजिया।
न जानौं कहाँ, कब
मिलसकबै पिया?
भरी लौं लबालब
आपनों हिया।
अनूठा प्यार हमरा
देलियौ मोर पिया

-दूं-
आई.सी.यू. में गेलासें एक दिन पहिने कान सटाय केॅ पूछला
परकि ‘‘हम्में केॅ छीकिहौं हुनी धीरे से कहलखिन
‘‘पति’’ आरो-
धीरें-धीरें चूमीं लेलखिन
हमरऽ दोनों गाल।
हाथ पकड़ी के प्यार जतैलखिन
चूमों लेलखिन भाल।
बोलैह नैं पार लै हो!
अक्षय तृतीया

9 मई 2016 सोमवार