भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

पत्ता-2 / केशव

Kavita Kosh से
प्रकाश बादल (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:23, 3 फ़रवरी 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केशव |संग्रह=धूप के जल में / केशव }} Category:कविता <poem> श...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

शाख ने
अपनी देह की हरियाली में
गड़ते एक पीले दाँत को
झुँझलाकर
       तोड़ दिया

अपनी गोद में
थाम लिया उसे
        हवा ने
खेली
       जी भरकर

फिर उकताकर
       छोड़ दिया

पत्ते ने
शाख से टूटकर
हवा से छूटकर
फिर
धरती से
अपना नाता
जोड़ लिया