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पहाड़ कुहाय छै / रूप रूप प्रतिरूप / सुमन सूरो

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पहाड़ कुहाय छै, पेट धिधियाय छै,
लकड़ी नी पत्ता, सैयाँ निपत्ता
कोन देश, कोन भेस, कहाँ कमाय छै?
पहाड़ कुहाय छै!

चूवै छै टप टप छपरी सें पानी
सद्दोखिन मरै छीं लाजें-गरानीं
काँहूँ नी ठाँव छै, खटिया बिछाय के
कोना में जोरलोॅ बकरू भेमाय छै!
पहाड़ कुहाय छै!

चुल्होॅ उपासलोॅ छै, चकड़ी उपासली,
टकटकी लगैने छै टिकटिकियाँ आसली,
संझा नी बाती, जिनगी कभातो,
सूनोॅ छै-सूनोॅ छै, सूने सहाय छै!
(जीहो नी जाय छै)
पहाड़ कुहाय छै!