भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

पेड़ / ओम पुरोहित ‘कागद’

Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 06:33, 6 मार्च 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ओम पुरोहित ‘कागद’ |संग्रह= }} [[Category:मूल राजस्थानी …)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

आपने
एक अभियान में
पेड़ लगाया
दूसरे में सींचा
और
तीसरे में
काट डाला ।

ठीक है
आप मालिक थे, पेड़ के
लेकिन जबाब देना ही पड़ेगा
जिस ने पेड़ को जमाया
जो पत्ते फूटने से लेकर
पेड़ काटने तक
मौन थी
वह धरती
उस पेड़ की क्या थी ?


अनुवाद : नीरज दइया