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मरु में लहर / अज्ञेय

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रात की रौंदी हुई यह रेत
फूहड़, भोर में किस लिखत से लहरा गयी-
सुन्दर, अछूती, छविमयी?
फाल्गुन शुक्ला सप्तमी