भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

महतारी भाषा / हरिदेव सहतू

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:21, 26 मई 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हरिदेव सहतू |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCat...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

महतारी भाषा
हम तोहके का बोली
बोली बोली
भाषा बोली
अवधी की भोजपुरी
हम तोहके का बोली

सरनामी कि सरनामी हिन्दी
हिन्दुस्तानी कि सरनामी हिन्दुस्तानी
हम तोहक का बोली

मानक हिन्दी कि खड़ी बोली
टूटल भाषा कि अइली गइली
हम तोहक का बोली

अपन भाषा में एक बात बोली
तोहसे हम्मे बहुत है प्यार
महतारी भाषा हमार।