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मुझे मालूम नहीं / हुम्बरतो अकाबल / यादवेन्द्र
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मेरे गाँव ने देखा
चुपचाप मेरा
वहाँ से निकल जाना
शहर
अपने प्रपँचों में
इतना फँसा रहा
कि उसको सुध नहीं
कौन आया कौन गया...
न सिर्फ़ किसान बने रहने
मुझसे छूट गया
बल्कि मैं मज़दूर बन गया।
मुझे मालूम नहीं
इसको क्या कहना चाहिए
तरक्की...
या पिछड़ जाना।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : यादवेन्द्र