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मेरे पति का नाम पवन है मैं जिस कै गल लाई थी / मेहर सिंह

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वार्ता- जब अंजना वन में चलते चलते एक साधु की कुटिया पर पहुंच जाती है तो ऋषि उससे पूछते हैं कि तू कौन है और कहां से आई है तो अंजना क्या जवाब देती है-

महेन्द्रपुर सै गाम मेरा रत्नपुरी ब्याही थी
मेरे पति का नाम पवन है मैं जिस कै गल लाई थी।टेक

जननी चाली आडी आडी
बिन तेगै मेरी गर्दन बाढ़ी
जिस दिन मैं घर तै काढ़ी, उस दिन शर्माई थी।

दुःख का तीर सज्जन नै सांधा
खुद होग्या हिये का आंधा
जिस दिन ब्याह का कांगणा बांधा उस दिन करड़ाई थी।