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रानी की आकांक्षा / सपना मांगलिक

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1)
काश मैं होती चिड़िया रानी, दाना चुगती पीती पानी
इस डाल से उस डाल पर, उडती फिरती कलरव करती
चीं –चीं चूं-चूं का खूब शोर मचाकर
नन्हे-नन्हे पंखों से अपने, करती आसमान की रखबाली
काश मैं होती चिड़िया रानी

2)
काश मैं होती तितली रानी,पंख भी होते सुन्दर -सुन्दर
हरे, लाल पीले, चितकबरे धानी, हवा हिंडोले चढ़ आ जाती
बगिया -बगिया, पुष्प -पुष्प मंडराती
सुंगंध फूलों की भर दामन में, महकाती मैं रुत सुहानी
काश मैं होती तितली रानी

3)
काश मैं होती परियों की रानी, सुनते मेरी सब कहानी
छड़ी जादू की हाथ में लेकर, इसको उल्लू उसे मुर्गा बनाती
कभी छूमंतर कभी प्रकट हो जाती
प्यार करती बच्चों को हमेशा, पूरी करती उनकी मनमानी
काश मैं होती परियों की रानी

4)
लेकिन हूँ मैं एक बच्ची रानी,कौन सुनेगा मेरी कहानी
बंद मुझे घर में सब रखते, खेल-कूद, पढने ना देते
कहते दुनिया बुरी बहुत है
कभी बाहर ना जाना बिटिया रानी, हो रही हो तुम सयानी
क्यूँ हूँ मैं एक बच्ची रानी?क्या कर ना सकूंगी मैं मनमानी?