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लड़ाई / बाल गंगाधर 'बागी'

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तूफानों का काफिला हम झुकाते ही रहेंगे
हम चिरागे मोहब्बत जलाते ही रहेंगे
जो लोग अपने हुए दुश्मनों की तरह
उन्हें मोहब्बत का सरगम सुनाते ही रहेंगे