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स्लम्स / असंगघोष
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इस रेलवे लाईन के किनारे बने
मकानों को देखो
ये मकान नहीं टपरियाँ हैं
जिन्हें तुम झुग्गियाँ कहते हो
ये आशियाना है हमारा,
तुम्हारी कल्पनाओं में बसा
जहाज महल सा
सरपट भागती
रेलगाड़ियों की घड़घड़ाहट में
एक शान्त
छोटा-सा आशियाना
जिसके नजदीक आते ही
हमारी शान्ति को भंग करने
तुम अपनी नाक पकड़
बरबस कह उठते हो
उफ्फ! स्लम्स?