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हौ खरूआ नंगोटा मेाती लगबैय / मैथिली लोकगीत

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मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

हौ खरूआ नंगोटा मेाती लगबैय
अस्सी मन के मुंगरदंड लैये।
हा सवा हाथ के सड़री के सोंटा
काँख दबा मोतीराम लइये।
हौ जतरा केलकै तीसीपुर के
हा बदियल बेटा धरम रखबैय।
मोतीराम जुमि जे गेलै
जाति दुसाध हड़मुठहा लगैय।
हा भरम नै रखै छै मोतीराम दुलरा
तीसीपुरमे मोती घुमै छै।
सब के मारि के ओछा ने देलहक
हा सभ पलटनियाँ ड्योढ़ी सा भगैय।
राजाजी के खबरि जे जनऽबै छै
सुनऽ सुनऽ हौ राजा सुनिलय
हौ सब बेर अगुआ हौ सब रंग एलै
हा अइबेर अगुआ बतहबा एलै
नाम ठेकान एक्को नइ कहै छै
हा सब के मारि के ड्योढ़िया पर सुता देलकह हौ।
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