भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
हौ ताबे पलटन सभ राजा के दिल होइये / मैथिली लोकगीत
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 08:59, 10 अगस्त 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मैथिली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह=सलहे...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
हौ ताबे पलटन सभ राजा के दिल होइये
चन्द्रा बात तऽ राजा केहलकै
तहि असरमे चाँड़ चुहरमल
पहरा करै छै राज पकरिया कंचनगढ़मे
आय मंशी मनेजर बोलेबै
कड़ा हौ सवाल राजा के छेलै
तबे जे जवाब राजा जे करै छै
सुनऽ सुनऽ हौ मंत्री बौआ
हौ चाँड़ चुहर के नौकरी छोड़बीयौ
आब नै पहरा चुहरा करैय
केना के चन्द्रा बेटी कोहबर घरमे रहतै यौ।।