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आंखों की भाषा - 1 / अमलेन्दु अस्थाना

जब भावनाएं अंतिम सीमा तक
जाकर थक जाएंगी,
शब्दकोश का अंतिम शब्द भी
खर्च हो चुका होगा,
अभिव्यक्ति के सारे रास्ते बंद हो चुके होंगे,
तब मेरी आंखें एकटक देखेंगी तुम्हें,
इस इंतजार में कि तुम शायद समझ सको
मेरी आंखों की भाषा।।