भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
आदमी / चन्द्र प्रकाश श्रीवास्तव
Kavita Kosh से
मनुष्यत्व की खोज में
उसने समूचे ब्रह्माण्ड की परिक्रमा की
पाताल से आकाश तक की दूरियाँ नापीं
जब वह लौटा
उसके साथ
देवता ही देवता
राक्षस ही राक्षस थे
आदमी
एक भी न था