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इस बार भी / रामकृष्ण पांडेय
Kavita Kosh से
इस बार भी
बेहद गर्मी है
पिछले साल की तरह
इस बार भी
बेहद परेशानी है
पिछले साल की तरह
इस बार भी
धूल है, आँधी है
पिछले साल की तरह
इस बार भी
लू ने समाँ बाँधा है
पिछले साल की तरह
इस बार भी
राह चलते पाँव जले
पिछले साल की तरह
इस बार भी
दस, बीस, तीस लोग मरे
पिछले साल की तरह
इस बार भी
जंगल का तन्त्र है
पिछले साल की तरह
इस बार भी
मारण मन्त्र है
पिछले साल की तरह