भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

उदयति मिहिरो, विगलति तिमिरो / जानकीवल्लभ शास्त्री

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

उदयति मिहिरो,विगलति तिमिरो
भुवनं कथमभिरामम्
प्रचरति चतुरो मधुकरनिकरो
गुंजति कथमविरामम्॥
विकसति कमलं,विलसति सलिलम्
पवनो वहति सलीलम्
दिशिदिशि धावति,कूजति नृत्यति
खगकुलमतिशयलोलम्॥
शिरसि तरूणां रविकिरणानाम्
खेलति रुचिररुणाभा
उपरि दलानाम् हिमकणिकानाम्
कापि हृदयहरशोभा॥