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एक जरूरी प्रार्थना / जयप्रकाश मानस
Kavita Kosh से
मौत से पहले एक बार जरूर
बीज देख सके
भरा-पूरा वृक्ष
डगाल पर ‘दहीमाकड़’ खेलते बच्चे
सबसे ऊपर फुनगी पर रचे घोंसला
घोंसले में अंडे सेती चिड़िया
ठंडी छांह में सुस्ताते
बासी-पेज पीते चरवाहे
बाबा से सीखी बाँसुरी की पुरानी धुनें
मीठी हवा का सरसराकर गुज़रना
इस सब के अलावा
सब कुछ में
एक पुष्ट बीज का सपना
देख सके मौत से पहले बीज
सदियों से सँजोया सपना