(राग रामकली-तीन ताल)
एकदन्त, गजवदन, चतुर्भुज, गणनायक विघ्रेश।
जय-जय भव-भय-हर लबोदर, मंगलमय देवेश॥
अहि-शशि-जटा-मुकुटधर शंकर गंगाधर भगवान्।
जय-जय बाघ-भालुचर्माबरधर विश्वेश महान्॥
(राग रामकली-तीन ताल)
एकदन्त, गजवदन, चतुर्भुज, गणनायक विघ्रेश।
जय-जय भव-भय-हर लबोदर, मंगलमय देवेश॥
अहि-शशि-जटा-मुकुटधर शंकर गंगाधर भगवान्।
जय-जय बाघ-भालुचर्माबरधर विश्वेश महान्॥