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ओ गेंदे के फूल! / रमेश तैलंग
Kavita Kosh से
केसरिया पगड़ी ये लाए कहाँ से?
सच-सच बताना
ओ गेंदे के फूल!
हाट से लाए,
या मेले से लाए,
मुफ़्त में लाए,
या पैसे से लाए!
पैसे भी इतने कमाए कहाँ से?
सच-सच बताना
ओ गेंदे के फूल!
चम्पा ने देखा,
चमेली ने देखा,
रात की रानी,
नवेली ने देखा।
रूप के गहने चुराए कहाँ से?
सच-सच बताना
ओ गेंदे के फूल!