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ओ बसन्ती पवन पागल / शैलेन्द्र
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ओ बसंती पवन पागल, ना जा रे ना जा, रोको कोई
ओ बसंती ...
बन के पत्थर हम पड़े थे, सूनी सूनी राह में
जी उठे हम जब से तेरी, बांह आई बांह में
बह उठे नैनों के काजल, ना जा रे ना जा, रोको कोई
ओ बसंती ...
याद कर तूने कहा था, प्यार से संसार है
हम जो हारे दिल की बाजी, ये तेरी ही हार है
सुन ये क्या कहती है पायल, ना जा रे ना जा, रोको कोई
ओ बसंती ...