भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

करुण चरण कल्याणी जननी / अजय अज्ञात

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

करुण चरण कल्याणी जननी
मृदुल करो मम् वाणी जननी

दया‚ क्षमा का भाव जगा दो
दयामयी गुर्बाणी जननी

हरो सकल कष्टों को मेरे
जगत् सृजक ब्रह्माणी जननी

आलोकित कर दो प्रज्ञा को
तपस्विनी इन्द्राणि जननी

अतुल अलौकिक साहस दे दो
रिपु मर्दक क्षत्राणी जननी

मिले सुयश जीवन में मुझ को
करो कृपा कल्याणी जननी