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कविता के सिवाय / पुरूषोत्तम व्यास
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जब मन लायक बात होती
कविता सूझती
जब किसी बात से आहत होता
कविता सूझती
मेरे लिऐ और कोई चीज ज़रूरी नही
कविता के सिवाय