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किस्ती करै जातरा / ओम पुरोहित कागद
Kavita Kosh से
घर सूं
घर सारू
कुण करै जातरा
मन टोरै
कोरै घर
डूंगरां
थळां
जळां।
घर टिकै
नींव माथै
आस माथै
बिसवास माथै
झील तकै
आस रो समन्दर
किस्ती करै जातरा
घर उंचायां
नींव विसवास री।