भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

कोनसी बाई को बाहुड़ला उजाय ओ / पँवारी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

पँवारी लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

कोनसी बाई को बाहुड़ला उजाय ओ
दिनऽ चल्यो राही राछोड़ो- गोविन्दा
कविता बाई को बाहुड़ला उजाय ओ
दिनऽ चल्योराही राछोड़ो- गोविन्दा
एनी दुर्गाबाई को बाहुड़ला उजाय ओ
दिनऽ चल्यो राही राछोड़ो- गोविन्दा
कोनसी बाई को बाहुड़ला उजाय ओ
दिनऽ चल्यो राही राछोड़ो- गोविन्दा
मैना बाई को बाहुड़ला उजाय ओ
दिनऽ चल्यो राही राछोड़ो- गोविन्दा
कोनसी बाई को बाहुड़ला उजाय ओ
दिनऽ चल्यो राही राछोड़ो- गोविन्दा