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क्यूँ मेरे दर्द-ए-दिल का तू ने मज़ाक उड़ाया / बेगम रज़िया हलीम जंग

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क्यूँ मेरे दर्द-ए-दिल का तू ने मज़ाक उड़ाया
तू भी समझ न पाया ये दर्द कैसे आया

ऐ दिल दुखाने वाले तुझ को ख़ुदा सँभाले
दिल ने दुआ दी तुझ को जब तू ने दिल दुखाया

करना है जो भी उस को अब तो वही करेगा
क्या मेरा दख़ल इस में सब उसी पाया