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खेलें खेल / रमेश तैलंग
Kavita Kosh से
झूठम-झूठी खेलें खेल ।
बनूँ मैं टीचर
तुम मॉनीटर
बाक़ी बच्चे
पंक्ति बनाकर
यहाँ खड़े हों, प्रेयर गाएँ ।
फिर अपनी कक्षा में जाएँ ।
अपनी-अपनी
पुस्तक खोलें ।
आपस में धीरे से बोलें ।
बिना बात न शोर मचाएँ ।
छुट्टी होते ही घर जाएँ ।